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Powercut Ne Sexy Didiko Chodneka Mauka De


Today I am here to share a true story of life with you. It is the story of that time when I was in my 12th grade. I just gave the board exam of 12th grade. So I was free that time. Now I am going to narrate this story in Hindi for better understanding.
To ekdin main shopping mall mein ghumne chala gaya kyunki us time main free tha. Actually mera ilada tha k koi movie dekh lu. But koi achi movie mili nahi. Toh main jaisehi mall se bahar nikla achanak koi mera naam bulai. Main ghumke dekha to wo meri didi thi. Wo meri mousi k ladki hain. Mujhse uski bohut achi dosti hain. Wo mere sath bohut frank hain. Hum logo ka ghar Delhi mein hain.
Bachpan dehi hum dono k bich koi eisa chese nahin hain jo discuss nahin hua ho. To jaise main unse bohut din baad mila to wo meri ar gharwalo ki haalchal puchne lagi. Uske baad jab unko paata chali k mera exam ho gaya hain aur mera

बड़े घर की लड़की की बड़ी प्यास Pyasi girls


मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 24 साल है। मैं बचपन से ही गर्म किस्म का इंसान हूँ, हसीन लड़की या औरत मेरी कमजोरी है ! मेरा लंड 9 इंच बड़ा है, जिसकी प्यास बुझाना सबके बस की बात नहीं !
मैं अपनी पहली कहानी लेकर आपके सामने आ रहा हूँ, क्योंकि मैं चाहता हूँ कि आप मुझे मेरे लंड की प्यास बुझाने का कोई उपाय बताएँ ! मेरा पहला सेक्स आपके सामने हाज़िर है !
मैं गुडगाँव से अपने कमरे पर जा रहा था जहाँ मैं अकेला रहता हूँ। मैंने कभी कोई साथी कमरे में नहीं रखा क्योंकि रात में मेरे सेक्स की आग जाग जाती है और मैं आग में जलने लगता हूँ और आप सोच ही सकते हैं कि मेरे साथ में रहने वालों का क्या हाल होगा ?
मेरे कई दोस्त मेरे लंड का स्वाद ले चुके हैं ! ये तो मेरी यौनेच्छा की बात है। मुझे कमरे तक पहुँचने के लिए बस या काल सेंटर की गाड़ी पकड़नी पड़ती है। मैं सड़क पर खड़े होकर गाड़ियों को हाथ दे रहा था कि तभी एक लम्बी कार मेरे सामने आकर रुकी, शीशा खुला, मैं देखते ही मानो होश खो बैठा ! ऐसा फिगर मैंने आज तक नहीं देखा- 36-24-32, क्या चूचियाँ थी ! गोरे गाल बिल्कुल दूध की तरह, गुलाबी होंठ जैसे बुला रहे हों कि आओ हमें चूस लो ! काले और लम्बे बाल, जो खुले हुए थे, उसकी उम्र लगभग 25 साल होगी, वो इतनी सेक्सी लग रही थी कि मुझे लगा कि मैं खड़े-खड़े झड़ जाऊँगा।
उसने पूछा- कहाँ जाना है आपको?
.........नेहरू प्लेस !
उसने अंदर आने का इशारा किया और मैं चुम्बक की तरह आगे वाली सीट पर बैठ गया। मेरी नज़र उसकी चूचियों से हट ही नहीं रही थी, उसके गोरे गालो को चूमने का मन कर रहा था। उसने लाल रंग का शॉर्ट टॉप और काले रंग की जींस पहन रखी थी।
........क्या देख रहे हो? उसने कहा।
तो मैं झिझक गया ....नहीं कुछ तो नहीं ! आप इतनी सुन्दर हैं कि कोई भी आपको देखता ही रह जाएगा !
उसने अपना हाथ गेयर की तरफ बढ़ाया और मेरी घुटने पर रख दिया। तभी मेरा लौड़ा और तन गया ! मैंने अपने लंड को दोनों हाथों से छिपा रखा था ताकि वो देख ना ले !
उतारते समय उसने अपना विज़िटिंग कार्ड देकर अगले दिन आने को कहा।
सॉरी, मैं उसका नाम बताना भूल गया- उसका नाम कोमल था,
अगले दिन मैं दिए पते पर पहुँच गया !
दरवाजा खुला, आज कोमल कल से ज्यादा स्मार्ट लग रही थी !
उसने मुझे चाय के लिए पूछा, मैंने मना कर दिया।
कोमल उंगली का इशारा करके अपने बेडरूम में चली गई। पीछे पीछे मैं भी चला गया। वो अपने कपड़े उतारने लगी !
........तुम कल क्या देख रहे थे ?
मैंने सोचा कि तुम्हें आज सब कुछ दिखा देती हूँ.....
इतना सुनते ही मैंने उसके होंठ चूस लिए, वो तड़प उठी जैसे बिन पानी मछली !
कोमल ने आज काले रंग की ब्रा और काले रंग की ही पैंटी पहन रखी थी। उसका जिस्म फूलों की तरह महक रहा था !
उसने अपने काले और लम्बे बाल खोल कर कहा- देख लो, जो देखना चाहते हो ! जितना करीब से चाहो !
मैं भूखे शेर की तरह टूट पडा !
मैं उसकी गोल-मटोल चूचियों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा। वो मुझसे लिपट गई।
मुझे लगा कि मुझसे भी ज्यादा लोग गर्म हैं इस दुनिया में, जो जिस्म की आग में तप रहे हैं !
मैंने कोमल के जिस्म से आखिरी कपड़े भी अलग कर दिए !
अब वो मेरे कपड़े उतारने लगी तो मैं उसकी पीठ सहलाने लगा।
मैंने धीरे से उसके कान को काट लिया, उसके मुँह से उफ्फ्फ्फफ्फ़ की आवाज़ आई। वो मुझसे सांप की भांति लिपट गई।
मैंने उसे उठा कर उसकी चूचियों को मुँह में लेना चाहा तो उसने पहले चूत की तरफ इशारा किया।
मैं तभी चूत की तरफ मुड़ गया ! कोमल की चूत बिलकुल टमाटर की तरह लाल और अंगूर की तरह छोटी थी।
मैंने चूत को मुँह में ले लिया और जोर जोर से चाटने लगा ! उसके मुँह से आह आह आह आह आह आह आह आह की आवाज़ निकलने लगी।
उसने एक हाथ से मेरा लण्ड सहलाना शुरु कर दिया। उसका एक हाथ मेरे सर पर था, वो मुझे ऐसे दबा रही थी कि मानो कह रही हो- मेरी चूत में घुस जाओ !
इतनी कामुक औरत मैने अपनी जिंदगी में नहीं देखी !
मैं कोमल के ऊपर आ गया। अब मेरा लंड उसके मुँह में था और मैं उसकी चूत का स्वाद ले रहा था !
वो लंड को ऐसे चूस रही थी कि जैसे लग रहा था कि काट कर खा जाएगी !
मै उसे मना नहीं कर पाया, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था !
20-25 मिनट तक हम एक दूसरे को चाटते रहे ! इस बीच वो दो बार पानी छोड़ चुकी थी मगर मेरा निकल ही नहीं रहा था !
मैंने अपना लण्ड उसके मुँह से निकालना चाहा तो जिद करने लगी- मुझे पानी पीना है !
मैंने समझाया- चूत में डालेंगे तो पी लेना !
वो मान गई !
मैंने उसके होंट चूसना शुरु कर दिए और एक हाथ से कोमल की चूची मसलने लगा। वो मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी। उसका हाथ मेरी पीठ को सहला रहा था। वो जिस्म की आग से तप रही थी। उसने मुझे अपनी ओर खींचा जैसे कह रही हो- मेरे जिस्म मे समा जाओ !
मैंने उसके जिस्म को ऐसे चाटना शुरु किया जैसे वो कोई लॉलीपॉप हो !
वो उफ़ उफ़ उफ़ किये जा रही थी और कह रही थी- फाड़ दो ! मेरी चूत फाड़ दो ! मेरी प्यास बुझा दो ! जानू मेरी चूत को चोद कर भोसड़ी बना दो ! मेरी प्यास बुझा दो ! मेरे जिस्म को ठंडा कर दो ! मेरी आग बुझा दो !
करीब 30 मिनट तक मैं उसे चाटता रहा ! उसने मुझे ऊपर खींच लिया- डाल दो, डालो न ! क्यों तड़पा रहे हो ? प्लीज डाल दो जानू ! मेरी जान, मेरी चूत में घुस जाओ !
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा ही था कि वो दर्द के मारे रो उठी, मैं समझ गया कि वो कुंवारी बुर थी !
बिस्तर पर खून ही खून !
वो डर गई !
मैंने उसे समझाया कि ऐसा पहली बार में होता है, बस थोड़ी देर में सब ठीक हो जायेगा।
मैं जोर जोर से झटके मार रहा था और कोमल भी मेरा साथ दे रही थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे दर्द हो ही न रहा हो !
मैंने पूछा तो बोली- दर्द से बड़ी प्यास है ! पहले मेरी प्यास बुझ जाये ! प्लीज फाड़ डालो ! होने दो दर्द ! फट जाने दो मेरी चूत को !
मेरा 9 इंच का लंड उसकी योनि के अंदर ऐसे जा रहा था जैसे कोई गर्म छड़ हो ! और वो बार बार कह रही थी- साली को फाड़ दो ! मेरी चूत को फाड़ दो ! मेरी जान, मेरे प्यारे राजा !
मैं उसकी चूत चोद ही रहा था कि अचानक दरवाज़ा खुला !
अब मेरे पैरों तले जमीन नहीं रही !

अनामिका की पहली चुदाई

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मेरी जवानी की शुरुवात -4

लेखिका : रेखा जैन
मम्मी पापा से चुदते वक्त उनको बन्सल और बीना की चुदाई की कहानी सुना रही थी।
‘आह्ह्ह !’ कहकर मम्मी और पापा भी दोनों झड़ गए। पापा के लंड से मम्मी की चूत में जाकर पापा का वीर्य और मम्मी का पानी निकलने लगा। पापा ने मलाई का बर्तन उठाया और मम्मी की चूत के नीचे कर दिया। पूरा वीर्य और मम्मी का पानी मलाई में गिर गया। पापा ने कहा कि जानू, मैं आज यह मलाई खाऊँगा, थोड़ा सा जोर लगाकर अपनी चूत से पूरा माल इसमें में निकाल दो।
मम्मी ने कहा- ठीक है, पर मैं शर्त लगाती हूँ कि तुम इसे नहीं खा पाओगे।
पापा ने कहा- ठीक है, कल सुबह नाश्ते में मैं यही खाऊँगा।
मम्मी हंसी और कहा- देखो।
पापा उनकी चूत देखने लगे, मम्मी ने थोड़ा दम लगाया और फिस्स की आवाज आई। मैंने देखा कि मम्मी ने बर्तन में थोड़ा सा पेशाब सा कर दिया, वो पेशाब बहुत गाढ़ा था, उसमें मम्मी की चूत का पानी मिक्स था।
मम्मी ने कहा- अब मलाई खाओगे?
पापा ने कहा- उठो ! फिर उन्होंने भी थोड़ा सा वीर्य मिश्रित पेशाब बर्तन में कर दिया, उसे चम्मच से मिक्स करने लगे और कहा- सुबह मुझे नाश्ते में यही देना।
पापा मम्मी दोनों फिर सोफे पर लेट गए।
मम्मी ने आगे कहा- पता है, जब बन्सल का गर्म वीर्य उसकी चूत में जाने लगा, तब जाकर बीना को अहसास हुआ की उसकी चूत में असली लंड है, उसने आँखों से तुरंत साड़ी हटाई तो बन्सल को देखकर दंग रह गई। उसने उठने की कोशिश की तो बन्सल ने उसे बांहों में भर लिया, वो कहने लगी- मालकिन, यह आपने क्या किया? अब बच्चा हो गया तो मैं क्या करुँगी?
मैंने कहा- तू फिक्र मत कर, तू इनके फार्म हाउस पर इनकी बीवी बनकर रहना, ये बच्चा चाहते हैं। तुम जिन्दगी भर आराम से रहना। वो खुश हो गई।
बन्सल ने चार दिन तक हम दोनों की बहुत चुदाई की फिर तुम्हारे घर आने के तीन घंटे पहले बीना को लेकर चला गया। तुम्हें पता है वो हीरे का हार मुझे सड़क पर नहीं मिला था, वो बन्सल ने मुझे चुदाई का इनाम दिया था।
‘आप मुझे मेरे एक गुनाह के लिए माफ़ करेंगे?’ मम्मी ने गंभीरता के साथ कहा।
पापा ने पूछा- कैसा गुनाह?
मम्मी ने कहा- उसके बाद जब भी आप टूर पर जाते वो और बीना यहाँ आ जाते और हम सेक्स करते थे।
पापा ने कहा- यह कब तक चलते रहा?
मम्मी बोली- जब तक रेखा सात साल की नहीं हो गई, तब तक। फिर जब भी बन्सल आता तो रेखा पूछने लगती कि ‘ये कौन हैं’ तब मैंने बन्सल को मना कर दिया कि अब से यहाँ मत आना।
पापा ने कहा- वो हर बार तुम्हें कुछ देता था?
तो मम्मी ने कहा- हाँ। वो सब चीजें मैंने रेखा के दहेज़ के लिए लॉकर में रखी हैं।
पापा ने गुस्से में कहा- मैं तुम्हें एक अच्छी पत्नी समझता था, तुम तो रंडी निकली, पैसा ले कर चुदवाती हो। बताओ कितनों के साथ चुदवाया है?
मम्मी सहम गई, धीमी आवाज में कहा- और किसी से नहीं।
पापा बोले- तुम्हें तो कोठे पर बैठना था, बहुत माल कमाती।
मैं भी नहीं सोच सकती थी कि मेरे बाप ने अपनी पत्नी को एक ठेके के लिए चुदवाया। मैं नहीं सोच सकती थी कि मेरा बाप असल में मेरा बाप ही नहीं है। मैं ऐसा कुछ सोच भी नहीं सकती थी कि मेरी माँ एक रंडी हो सकती है।
थोड़ी देर बाद मम्मी ने कहा- तुम मुझे रंडी बोल रहे हो, पर मुझे रंडी किसने बनाया? किसने मुझे बन्सल के नीचे सोने के लिए कहा था? किसने मुझे बन्सल का गर्भ गिराने को रोका था? किसने जनेन्द्र, किसने? वो तुम थे जनेन्द्र तुम। हाँ, मैं रंडी हूँ पर सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे कारण जनेन्द्र ! एक बात बताओ अगर बन्सल तुमसे कहता कि मैं तुम्हारे टूर पर जाने के बाद तुम्हारी बीवी को चोदूँगा तो तुम मना कर पाते? बोलो जनेन्द्र बोलो?
पापा कुछ नहीं बोल पाए। मम्मी ने कहा- तुम्हें उसे झक मार कर इज़ाज़त देनी पड़ती और तुम हर बार टूर से आकर मुझे कई लड़कियों को चोदने के किस्से सुनाते थे, मैंने तो कभी कुछ नहीं कहा? तुम तो बहुत बड़े रंडीबाज़ हो और मुझसे ऐसी बात करते हो?
पापा थोड़ी देर तक चुप रहे, फिर कहने लगे- मुझे माफ़ कर दो प्रभा ! मैं यह सुनकर अपने पर काबू नहीं रख पाया कि साला बन्सल तुम्हें 6 साल तक चोदता रहा। मुझे माफ़ कर दो।
पापा की आँखों में आंसू थे।
मम्मी बोली- ठीक है, पर आज के बाद कभी ऐसा मत कहना।
फिर पापा ने पूछा- बीना को लड़का हुआ?
मम्मी ने कहा- पहली बार तो लड़का हुआ पर जन्म के 2 घंटे बाद वो मर गया था। दूसरी बार एक लड़की हुई थी, वो 12 साल की है, राखी और उसमें 3 दिन का अंतर है। उसका नाम जूही है।
थोड़ी देर बाद पापा ने मम्मी से कहा- तुम खिड़की के पास चलो।
पापा के मेज लेकर खिड़की के पास गए, पापा ने मम्मी से कहा- खिड़की पकड़ लो और एक पैर मेज पर रख लो।
फिर पापा ने अपना सनसनाता हुआ लंड मम्मी की चूत में घुसा दिया और मम्मी को चोदने लगे। मेरी हालत बहुत ही ख़राब थी, मैं एक ही दिन में 4 बार झड़ चुकी थी, मुझे नींद भी आ रही थी। पापा किसी घोड़े की तरह मम्मी को चोदे जा रहे थे, मम्मी की हालत बहुत ख़राब थी, वो पूरी तरह लाल हो गई थी।
तभी आवाज आई ‘चट्ट !’ यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
मम्मी के मुँह से चीख निकल गई, पापा ने मम्मी के नितम्बों पर जोर से चाँटा मारा था। फिर तड़क तड़ तड़ पापा हर धक्के के साथ मम्मी के बड़े बड़े नितम्बों पर चांटे मार रहे थे।
थोड़ी देर बाद पापा ने मम्मी को मेज पर लिटा दिया और उनकी टाँगें फ़ैला दी। मम्मी की चूत देख कर मेरे होश फ़ाख्ता हो गए, मम्मी की चूत बहुत फ़ैल गई थी, पापा का लंड एक झटके में दोबारा उनकी चूत में चला गया। पापा फिर से उसी स्पीड में मम्मी को चोदने लगे, 15 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद वो दोनों झड़ गए। पापा मम्मी की चूत में लंड डाले हुए ही उन्हें गोद में उठा कर मलाई के बर्तन के पास ले गए और फिर से सारे माल बर्तन में निकाल दिए, फिर मम्मी को उसमें पेशाब करने को बोला और फ़िर खुद पापा ने भी थोड़ी पेशाब उसमें कर दी।
पापा सोफे पर बैठ गए पापा ने मम्मी को अपने लंड को चूसने को कहा, फिर पूछा- बन्सल की मौत के बाद बीना कहाँ है?
मम्मी ने कहा- बन्सल ने उसे पास ही में एक घर दिला दिया था, वो वही रहती है अपनी बेटी के साथ। उसकी बेटी जूही राखी की ही क्लास में पढ़ती है। बन्सल ने उसके नाम भी 8 लाख रुपये और बीना के नाम 5 लाख रुपये कर दिए थे।
मैं जूही को पहचानती हूँ, वो बहुत अच्छी लड़की है। मैं सोच में पड़ गई कि वो मेरी बहन है।
पापा ने फिर पूछा- अब वो किससे चुदवाती है?
मम्मी ने कहा- किसी से भी नहीं ! उसकी लड़की बड़ी हो गई है।
तो पापा ने कहा- तुम चाहो तो उसे कभी कभी घर बुला लिया करो जब बच्चियाँ स्कूल जायें, तब मैं तुम दोनों को उसी तरह चोदूँगा जैसे बन्सल चोदता था। सच कहूँ तो मैं उस समय उसे चोदना चाहता था। जब रेखा तुम्हारे पेट में थी, पर मौका ही नहीं मिला।
मम्मी ने कहा- ठीक है, बीना के नाम से ही तुम्हारा लंड खड़ा हो रहा है।
पापा ने कहा- अब फिर से कुतिया की तरह मैं तुम्हें चोदूँगा।
मम्मी ने कहा- नहीं, तुमने आज इतनी जोर जोर से धक्के मारे हैं कि मेरी चूत जलन कर रही है।
पापा ने कहा- नहीं, मैं तो चोदूँगा, चाहे तो अपनी गांड मरवाओ।
मम्मी ने कहा- पिछली बार आधा लंड ही गया था और में 5 दिन तक सही से टट्टी नहीं कर पाई थी। प्लीज़ रहने दो।
पापा ने कहा- पहली बार में ही दर्द होता है, इस बार टूर पर मैंने एक लड़की को चोदा था, उसने मुझे गांड मारने को भी कहा था।
मम्मी ने कहा- वो कैसी थी?पापा ने कहा- रेखा जैसी ! बस उसके बोबे रेखा के बोबों से छोटे थे।
मम्मी ने हंसते हुए कहा- अपनी लड़की को कैसी नजर से देखते हो?
पापा ने कहा- नहीं, मैं तो बता रहा था।
मम्मी बड़ी मुश्किल से राजी हुई। पापा ने थोड़ी क्रीम मम्मी की गांड के छेद पर मसल दी, अपने लंड को पूरा क्रीम में लपेट लिया। फिर धीरे धीरे दबाव डालने लगे, मम्मी कह रही थी- धीरे धीरे।
फिर मम्मी एकदम चिल्लाई- आआआ ह्ह्ह !
पापा के लन का आगे का गोल सिरा मम्मी की गांड में घुस गया था। पापा ने जोर दिया तो मम्मी की तो जैसे सांस ही अटक गई हो, पापा का आधा लंड उनकी गांड में था, वो बहुत जोर से चिल्ला रही थी- आःह्ह जनेन्द्र ! नहीं आज निकाल लो वापस ! आह्ह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है। मैं मर जाऊँगी… आह्ह्ह…
पापा ने कहा- चुप रहो, नहीं तो लड़कियाँ जाग जाएँगी।
मम्मी गिड़गिड़ा रही थी, तभी पापा ने अपना पूरा वजन डाला और एक जोरदार झटका दिया, पापा की कमर मम्मी की कमर से चिपक गई। उनका पूरा लंड मम्मी की गांड में था। पापा ने मम्मी का मुँह उसी समय हाथ से बंद कर लिया था नहीं तो मम्मी इतनी जोर से चिल्लाती कि पड़ोसी भी आवाज़ सुनकर आ जाते।
मम्मी बिस्तर पर निढाल पड़ी थी। पापा कुछ देर उनके ऊपर लेटे रहे, फिर धीरे धीरे धक्के मारने लगे। मम्मी को कुछ आराम मिला। फिर थोड़ी देर बाद मम्मी भी पापा के साथ अपनी कमर हिलाने लगी।
दस मिनट बाद पापा झड़ गए, फिर दोनों निढाल होकर सोफे पर लेट गए।
इसी बीच मैं भी झड़ चुकी थी। कमरे में जहाँ मैं खड़ी थी, नीचे गीला गीला हो रहा था, मैंने अपनी पैंटी से उसे साफ़ किया।
कुछ देर बाद मम्मी ने मलाई का बरतन ले जाकर किचन में रख दिया। मम्मी को चलने में तकलीफ हो रही थी, वो लंगड़ा कर चल रही थी। उन्होंने अपने और पापा के कपड़े लेकर अपने बेडरूम में रख दिए। फिर खाली गिलास धोकर रख दिए। फिर पापा और मम्मी अपने रूम में जाकर सो गए।
मैंने भी अपने कपड़े पहने और पापा मम्मी के रूम में देखा तो दोनों नंगे ही एक दूसरे की बाहों में सो रहे थे, मैं भी अपने रूम में जाकर सो गई।
आप अपनी राय साईट पर ही कहानी के नीचे डिस्कस पर लिखें ! अपनी इमेल मैं अपनी पहचान गुप्त रखने के लिए नहीं दे रही हूँ !

मेरी जवानी की शुरुवात -2

लेखिका : रेखा जैन
मम्मी ने कहा- तुम्हें पता है, चार दिन में मेरी हालत कैसी हो गई है? मैं तो किसी और से सेक्स नहीं कर सकती हूँ तुम्हारे सिवाय ! पापा हंसे और मम्मी का हाथ पकड़ कर उन्हें अपनी गोद में खींच लिया, फिर मम्मी को चूमने लगे, मम्मी से कहा- आज पूरी रात मैं तुम्हारे साथ हूँ, बोलो क्या करोगी?
मम्मी ने हँसते हुए कहा- आज पूरी रात तुम्हारा लौड़ा अपनी फ़ुद्दी से नहीं निकलने दूँगी।
यह सुन कर मेरी हालत ख़राब हो गई, मेरे मम्मी पापा को मैं इस तरह बात करते हुए देख रही थी।
यह सुनकर पापा ने कहा- तुम दिनोंदिन बहुत सेक्सी होती जा रही हो।
पापा ने मम्मी को अपनी गोद में बिठा रखा था। वो मम्मी को किस करने लगे और मम्मी के चूचे दबाने लगे।
कुछ देर बाद उन्होंने मम्मी की साड़ी और ब्लाऊज उतार दिए। मम्मी एक काली ब्रा पहने हुए थी, पापा ने वो भी उतार दी।
मम्मी के बड़े बड़े दूध देख कर मैं समझ गई कि मेरे स्तन इस उम्र में ही किसी औरत के स्तनों की तरह क्यों हैं? ये मुझे विरासत में मिले हैं।
पापा बेकाबू होकर मम्मी के निप्पल चूस रहे थे और जोर जोर से दबा रहे थे, मम्मी सिसकारी ले रही थी। फिर मम्मी ने पापा की टीशर्ट खींच कर निकाल दी। पापा बनियान नहीं पहनते हैं, दोनों एक दूसरे के जिस्म को बाहों में भर कर रगड़ने लगे। मेरी कच्छी गीली हो गई, मैंने अपनी नाइटी उतार दी और कच्छी में हाथ डाला तो मेरी चूत बहुत गर्म हो रही थी, मैं अपनी चूत पर उंगली घुमाने लगी। पापा भी मम्मी के पेटीकोट को उतार चुके थे। फिर पापा ने अपनी पैंट उतारी तो मैंने देखा कि उनकी अंडरवीयर आगे से उठी हुई थी। पापा ने मम्मी की पैंटी उतारी तो मैंने देखा कि मम्मी की चूत मेरी चूत से कुछ अलग दिख रही थी, मेरी चूत पर कुछ बाल भी थे पर मम्मी की चूत बिल्कुल साफ़ थी।
पापा ने मम्मी की चूत में झटके से एक उंगली घुसा दी तो मम्मी ने सिसकारी ली- आह्ह… ह्ह… जनेन्द्र धीरे।
मम्मी ने पापा की अंडरवीयर उतार दी। मैं दंग रह गई, पापा का लंड लगभग सात इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा था। मैंने किताब में पढ़ा था कि सामान्य लंड 4-5 इंच लम्बा होता है, मुझे यकीन नहीं हुआ कि मेरी मम्मी की चूत इसे झेल पाती होगी।
मम्मी पापा के लंड को अपने हाथों से हिलाने लगी, पापा सिसकारी लेने लगे। फिर पापा ने मम्मी सो जमीन पर घुटनों के बल बैठाया और अपना लंड उनके मुख के पास कर दिया। मम्मी पापा का लंड चूसने लगी। वो उसे जोर से चूस रही थी, पापा धीरे धीरे अपना लंड आगे पीछे कर रहे थे।
पापा ने फिर मम्मी का सर पकड़ लिया और जोर से धक्का मारा तो पूरा लंड मम्मी के मुँह में घुस गया, वो मम्मी एक गले में जाकर अड़ गया, मम्मी घबरा गई, उन्होंने एकदम सर खींच लिया, वो हांफ रही थी, बोली- क्या जनेन्द्र, मेरी जान लेने का विचार है?
पापा बोले- नहीं यार, तुम धीरे धीरे सर हिला रही थी इस लिए मैंने जोर से हिला दिया।
पापा ने फिर से लंड मम्मी के मुँह में दे दिया कुछ देर बाद पापा अकड़ से गए, मैं समझ गई कि पापा झड़ने वाले हैं। मैं यह बात किताब में पढ़ चुकी थी। पापा ने एकदम मम्मी का सर पकड़ लिया और पूरा वीर्य मम्मी के मुँह में निकाल दिया। मम्मी उसे पीने लगी।
फिर पापा ने मम्मी को सोफे पर लिटा दिया और उनकी चूत चाटने लगे।
‘आह्ह… ह्ह्ह…’ मम्मी ने जोर से आवाज निकाली क्योंकि पापा ने अपनी जीभ उनकी चूत में घुसा दी थी। पापा मम्मी की चूत जोर जोर से चाटने लगे जैसे कोई बिल्ली दूध पीने के बाद कटोरे पर लगी मलाई चाटती है। मम्मी और मेरी दोनों की हालत ख़राब थी। मेरा देखने में ऐसा हाल था तो मम्मी का क्या हाल होगा, मैं यह सोचने लगी।
थोड़ी देर बाद मम्मी जोर जोर से सिसकारी लेने लगी और उनकी चूत से पानी निकलने लगा। पापा गटागट पूरा पानी चाट गए।
अब मुझे समझ आया कि कुछ दिन पहले सुबह जब में मम्मी को आवाज देती हुई रसोई में गई तो मम्मी घबराई हुई थी और पैर फ़ैला कर खड़ी थी, उन्होंने पूछा था कि ‘अह क्या हुआ हहा?’ मैंने कहा था कि कुछ नहीं, कॉफ़ी पीनी है।
उसे समय उनका चेहरा बिल्कुल लाल था, वो बोली थी कि ‘ठीक है, मैं रूम में लाती हूँ बना कर आह्ह्ह !’ मैंने पूछा था ‘मम्मी, क्या हुआ?’ तो वो कुछ नहीं बोली उनकी आँख बंद हो गई थी, वो अकड़ गई थी, वो काँप रही थी। फिर वो जोर जोर से सांस लेने लगी और कहा था कि तबियत कुछ ठीक नहीं है। मैंने पूछा कि ‘क्या हुआ?’ तो वो गुस्से में बोली थी ‘कुछ नहीं, अभी जाओ, परेशान मत करो, बहुत काम है। मैं चुपचाप बाहर आ गई और हाल में बैठ कर पेपर पढ़ने लगी, मम्मी किसी पर गुस्सा कर रही थी। फिर कुछ देर बाद पापा रसोई से बाहर आये थे, मैं कुछ समझ नहीं पाई थी पर नाश्ते के समय पापा ने मम्मी से कहा था कि ‘रोज सुबह ऐसे ही मलाई खाऊँगा आज की तरह !’ और मम्मी शर्मा गई थी।
अब मैं पूरी तरह समझ चुकी थी कि उस दिन मम्मी की साड़ी के अन्दर पापा बैठ कर मम्मी की चूत चाट रहे थे।
कुछ देर लेटने के बाद पापा रसोई में गए और फ़्रिज़ से चोकलेट मलाई और क्रीम लेकर आये, पापा ने कहा- जानेमन, आज हम एक नई चीज करेंगे।
मम्मी ने कहा- आज फिर से मेरी गांड फाड़ने की सोच रहे हो क्या?
मैं सोच रही थी कि क्या पापा ने मम्मी की गांड मारी है?
इतने में पापा ने कहा- पूरी रात पड़ी है, आज तुम खुद अपनी गांड मारने को कहोगी।
मम्मी ने कहा- इम्पोसिबल !
पापा ने कहा- शर्त है ! तुमने रात भर चुदने के बारे में कहा है, मैं तुम्हें इतना चोदूँगा कि तुम खुद कहोगी की प्लीज, अब मत चोदो, बहुत दर्द हो रहा है। फिर मैं तुम्हारी गाण्ड मारने का कहूँगा और तुम मना नहीं करोगी।
फिर पापा ने कहा- तुम्हें क्रीम बहुत पसंद है तो खाओ।
और अपने लंड पर क्रीम लगा दी, मम्मी ने मना किया तो पापा ने कहा- जानेमन वीर्य पी सकती हो, क्रीम नहीं खा सकती?
मम्मी पापा के लिंग को चूसने लगी और क्रीम खाने लगी। फिर पापा ने मम्मी की चूत में चोकलेट भर दी और उसे चाटने लगे। यह देख कर मेरी उंगली अपनी योनि पर जोर जोर से चलने लगी और मेरा शरीर अकड़ गया, मैं हांफने लगी और झड़ गई।
मैंने देखा कि मम्मी बहुत बेचैन हो रही थी, पापा का लंड पूरी तरह तना हुआ था, मम्मी उनका लंड पकड़ कर खींचने लगी।
पापा ने मम्मी की एक टांग उठा ली, मम्मी करवट लेकर सोफे पर लेटी थी, पापा ने उनकी चूत के मुँह पर लंड टिकाया और कहा- डार्लिंग, आज का कार्यक्रम शुरू करें?
मम्मी ने कहा- हाँ।
और मम्मी ने कहा- जय बोलो म**र भगवान की !
पापा और मम्मी एक साथ बोले- जय !
और ठीक जय के साथ ही पापा ने इतनी तेज झटका मारा कि पूरा लंड मम्मी की चूत में बैठ गया। मम्मी जोर से चिल्लाई- आ आआह !
पापा बिना रुके जोर जोर से धक्के लगाने लगे जैसे सड़क पर कोई कुत्ता किसी कुतिया को चोदते हुए लगाता है। मुझे विश्वास नहीं हुआ कि ये मेरे वही माँ बाप हैं, जो धर्म में बहुत आस्था रखते हैं।
पापा बहुत जोर जोर से धक्के लगा रहे थे, फिर उन्होंने मम्मी की चूत से लंड निकाला उनका लंड पूरी तरह चिकने पदार्थ से गीला हो रहा था। उन्होंने मम्मी को जमीं पर घुटनों के बल बैठा दिया। मम्मी अब सही में किसी कुतिया की तरह बैठी थी, पापा उनके पीछे आये और उनकी चूत में लंड डालकर जोर जोर से धक्के मारने लगे।
पापा ने पूछा- प्रभा, याद है यह डॉगी स्टाइल।
मम्मी ने कहा- हाँ ! यह मिस्टर बन्सल का पसन्दीदा स्टाइल था।
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मेरी जवानी की शुरुवात -3

लेखिका : रेखा जैन
पापा ने मम्मी की चूत से लंड निकाला उनका लंड पूरी तरह चिकने पदार्थ से गीला हो रहा था। उन्होंने मम्मी को जमीं पर घुटनों के बल बैठा दिया। मम्मी अब सही में किसी कुतिया की तरह बैठी थी, पापा उनके पीछे आये और उनकी चूत में लंड डालकर जोर जोर से धक्के मारने लगे।
पापा ने पूछा- प्रभा, याद है यह डॉगी स्टाइल।
मम्मी ने कहा- हाँ ! यह मिस्टर बन्सल का पसन्दीदा स्टाइल था।
पापा हंसने लगे, फिर गंभीर होकर कहने लगे- प्रभा, आज मैं जो भी हूँ, बस तुम्हारी वजह से हूँ। अगर उस दिन तुम मिस्टर बन्सल से चुदवाने को मना कर देती तो वो ठेका हमें नहीं मिलता और हम आज भी गरीब होते।
मम्मी ने कहा- मैंने वो सब हमारी भलाई के लिए किया था।
पापा ने कहा- बन्सल बहुत चतुर चालाक इन्सान था, उसने तुम्हें प्रेग्नेंट किया और हमें ब्लैकमेल किया कि अगर गर्भ गिराया तो वो ठेका निरस्त कर देगा। सोचो प्रभा, अगर किसी दिन रेखा को पता चल गया कि मैं उसका बाप नहीं हूँ तो क्या होगा?
यह सुनकर मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। मेरी हालत का अंदाजा आप लगा सकते हैं। जिस आदमी को मैं इतने साल तक अपना बाप समझती रही वो मेरा बाप नहीं था, मुझे अपने माँ बाप पर गुस्सा आने लगा।
तभी मम्मी ने कहा- यह बात हम दोनों के बीच है, उसे कैसे पता चलेगा? फ़िर तुम उसे अपनी सगी बेटी राखी से भी ज्यादा प्यार करते हो ! और बन्सल इतना बुरा भी नहीं था, मैंने तुम्हें एक बात नहीं बताई है। बन्सल रेखा के जन्म के 2 साल बाद घर आया था जब तुम टूर पर गए थे, वो 6 दिन मेरे साथ पति की तरह रहा, मैं मना नहीं कर पाई।
फिर उसने मुझे अपनी कहानी सुनाई कि उसकी पत्नी ने उससे धोखा किया है, उसके दोनों लड़कों में से को भी उसका अपना नहीं है इसीलिए उसने हमें ब्लैकमेल किया, वो इस दुनिया में अपनी खुद की औलाद चाहता था। तुम क्या सोचते हो उसने रेखा के नाम वो 40 लाख रुपये क्यों किये है। उसने मुझे उसी दिन बता दिया था कि अगर मुझे लड़का होता तो मैं अपनी पूरी जायदाद उसके नाम कर देता। उसने मुझसे कहा कि अगर मैं उसके एक और बच्चे को जन्म दूँ तो वो हमें दस लाख रूपये देगा। मैंने मना कर दिया, उसने कहा कि मैं मरने से पहले इस बच्ची के नाम काफी पैसा कर दूँगा, यह मेरा वादा है।
तुम्हें पता है, हमारे यहाँ उस समय बीना नाम की नौकरानी काम करती थी।
पापा ने कहा- हाँ !
मम्मी ने कहा- एक दिन उसने बन्सल और मुझे सेक्स करते हुए देख लिया था। फिर मैंने बन्सल से कहा कि अगर मैं तुम्हारे लिए एक औरत ला दूँ जो तुम्हारा बच्चा पैदा करे तो वो खुश हो गया।
पापा अब भी जोर जोर से मम्मी को चोद रहे थे। फिर वो एकदम धीमे हो गए, मम्मी भी जोर की सिसकारी लेकर अकड़ गई और पापा का वीर्य मम्मी की चूत में जाने लगा, कुछ वीर्य मम्मी की टांगों पर भी बह रहा था। फिर मम्मी जमीन पर लेट गई, पापा उनकी चूत चाटने लगे।
फिर पापा सोफे पर बैठ गये मम्मी ने उनके लंड से वीर्य की एक एक बूंद चाट ली। दोनों सोफे पर एक दूसरे को बाहों में लेकर निढाल हो गए।
मम्मी बोली- उस दिन बन्सल ने जाने का नाटक किया, जैसा मैंने कहा था और घर की एक डुप्लीकेट चाभी उसे दे दी। फिर मैं बीना को अपने कमरे में ले गई और गुस्से में उससे पूछा कि वो मेरे कमरे में क्यों झाँक रही थी कल।
वो डर गई, बोली- मालकिन, मैं तो झाड़ू लगाने आई थी। मैं किसी से नहीं कहूँगी ! सच !
और वो रोने लगी। मैंने और जोर की आवाज में कहा- जा साली, तेरे कहने से क्या होता है। मेरा पति मुझे बहुत प्यार करता है। वो यह सुनते ही तुझे जान से मार देगा।
वो बहुत डर गई, हाथ जोड़ कर मेरे पैरों में गिर कर बोली- मालकिन, सच में कभी अपना मुँह नहीं खोलूँगी। मुझ पर दया कीजिये, आप जैसा कहोगी, मैं वैसा करुँगी आज से।
मैंने कहा- ठीक है, जा एक गिलास पानी ला मेरे लिए !
वो जल्दी से पानी ले आई। मैं बेड पर लेट गई और उससे जमीन पर बैठने को कहा।
मैंने उससे पूछा- तेरे पति को मरे हुए कितना वक्त हुआ है?
उसन कहा- मालकिन, 2 साल।
मैंने उससे उम्र पूछी तो बोली- 32 साल है।
मैंने बच्चों का पूछा तो कहा- एक भी नहीं !
मैंने पूछा- क्यों?
तो उसने कहा- मेरा पति नामर्द था। उसका तो खड़ा ही नहीं होता था, इसी लिए उसने आत्माहत्या कर ली।
मैं यह सुनकर खुश हो गई, मैंने उसे कहा- मेरी अलमारी में नीचे के खाने से पुरानी ब्रा और पैंटी निकाल।
उसने तुरंत कहना माना।
मैंने उससे कहा- मेरा साइज़ तुझे थोड़ा बड़ा पड़ेगा पर इसे पहन ले, तेरे पास ये चीजें नहीं हैं।
पापा ने हँसते हुए कहा- हाँ तुम्हारे बूब्स तो शुरू से ही बहुत बड़े हैं।
मम्मी ने आगे कहा- वो दूसरे कमरे में जाकर ब्रा और पैंटी पहन कर आ गई। मैं एकदम चिल्लाई- साली कुतिया, मैंने कहा था कि सिर्फ ब्रा और पैंटी पहन कर आना।
उसने कहा- नहीं मालकिन, आपने तो सिर्फ पहनने के लिए कहा था।
मैं फिर गुस्से में बोली- साली जुबान लडड़ाती है? चल यहाँ आ।
वो आई तो मैंने खींच कर उसकी साड़ी उतार दी, वो बेचारी सिर्फ मालकिन-मालकिन करती रह गई। फिर मैंने उसका ब्लाऊज़ और पेटीकोट भी उतार दिया। उसका फिगर भी काफी अच्छा था। फिर मैंने भी अपने कपड़े उतारे और पूछा- तेरे घर में कौन कौन है?
उसने कहा- सास और मैं बस।
मैंने पूछा- किसी से करने का मन नहीं करता?
तो बोली- करता है, पर क्या करूँ?
मैंने कहा- मैं तुझे लंड दिलाऊँ तो? और तुझे बच्चा भी पैदा करवाऊँ?
तो वो डर कर बोली- नहीं मालकिन, बहुत बदनामी होगी।
मैंने कहा- तेरी सास अच्छी है?
उसने कहा- नहीं कमीनी है, मुझे मारती भी है।
मैंने कहा- तू उसे छोड़ दे, उसके साथ क्यों रहती है?
तो बोली- मालकिन कहाँ जाऊँगी?
मैंने कहा- ये कपड़े भी उतार।
हम दोनों नंगी हो गई थी, मैं उसके बोबे दबाने लगी, फिर वो भी मूड में आ गई, मैंने उसकी चूत में उंगली घुसाई तो वो नहीं घुसी, वो चिल्लाई ‘आह ह्ह !’
उसकी चूत बहुत टाइट थी, मैंने बहुत देर तक उससे अपनी चुद चटवाई। फिर उसे बेड पर लिटा कर उसकी साड़ी से उसकी आँखें बाँध दी।
मैंने कहा- मुझे शर्म आ रही है।
मैंने बन्सल को इशारा किया, वो रूम में आ गया, फिर वो बीना की चूत चाटने लगा। फिर जब बीना झड़ गई तो मैं बीना के साथ लेट गई और उसके बोबे दबाने लगी, बन्सल मेरी चूत चाटने लगा। जब मैं झड़ गई तब मैंने बीना से कहा- मैं तुम्हारी चूत में एक खीरा डालूँगी।
मैंने उससे कहा- अपनी टाँगें पूरी तरह से फ़ैला ले।
मैंने बन्सल से इशारे में कहा कि बिना इसे छुए करो ! वो अपने लंड को उसकी चूत पर फिराने लगा, बीना की हालत ख़राब हो रही थी, कहने लगी- मालकिन, जल्दी, अब सब्र नहीं होता।
बन्सल ने धीरे धीरे लंड उसकी चूत में घुसना चालू किया तो बीना की चीख निकल गई।
यह सुनकर पापा का लंड फिर तन गया। वो सोफे पर लेट गए और मम्मी को अपने खड़े लंड पर बैठने को कहा। मम्मी पापा के लंड पर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी।
पापा ने पूछा- प्रभा, तुमने मुझे ये बातें पहले क्यों नहीं बताई?
मम्मी बोली- बन्सल ने मुझे रेखा की कसम दी थी कि उसके मरने के पहले ये बातें अपने पति को मत बताना इसलिए। आप मुझे माफ़ कर दो।
पापा ने कहा- कोई बात नहीं, आगे बताओ।
मम्मी पापा के लंड पर ऊपर नीचे हो रही थी। मेरी उंगली भी अपनी योनि में धीरे धीरे अन्दर जा रही थी।
मम्मी बोली- बन्सल ने पहला झटका जोर से मारा तो बीना की चीख निकाल गई ‘मालकिन धीरे धीरे !’ बन्सल ने पहले ही झटके में अपना आधा लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया था। फिर वो धीरे धीरे लंड चूत में अन्दर बाहर करने लगा।
बीना बोली- मालकिन, बहुत मजा आ रहा है।
फिर मेरे इशारे पर बन्सल ने लंड उसकी चूत से निकाल लिया तो वो बोली- मालकिन, थोड़ी देर और ! उसकी आवाज में याचना थी। मैं बोली- रुक, मैं तुझे अब चोदूँगी।
उसने पूछा- कैसे?
मैंने कहा- यह खीरा बहुत बड़ा है, इसे मैं अपनी चूत में पूरा डाल लेती हूँ। फिर भी यह इतना बाहर बचा है जितना बड़ा मर्द का लंड होता है। बस उसी से मैं तुझे चोदूँगी।
उसने कहा- मालकिन, जल्दी, बड़ा मजा आएगा।
मैंने कहा- ठीक है ! और बन्सल को इशारा किया, वो तुरंत उस पर चढ़ गया और उसकी चूत में लंड घुसा दिया। आधा लंड उसकी चूत में जाने के बाद उसने ऐसा झटका मारा कि पूरा लंड उसकी चूत में उतर गया। बीना झनझना गई। फिर बन्सल उसे धीरे धीरे चोदने लगा, वो भी उसके साथ कमर हिला रही थी।
15 मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ने लगी तो चिल्लाई- मालकिन, मैं तो गई। तभी बन्सल भी झड़ गया और पूरा वीर्य उसकी चूत में निकाल दिया।
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